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Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA | Ratan TATA Ne Shadi Kyu Nhi Ki

रतन टाटा के बारे में कुछ अच्छी बातें, टाटा सर को दानवीर क्यों बोला जाता है, Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA, Ratan TATA Ne Shadi Kyu Nhi Ki

  • आपकी क़ीमत तब तक है, जब तक आपकी ज़रूरत !
  • ये दुनियाँ ज़रूरत के हिसाब से चलती है, सर्दियों में जिस सूरज का इंतजार होता है, गर्मियों में उसी सूरज का तिरस्कार!
  • अगर आप तेज़ी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए | लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो सबके साथ मिल कर चलिए !
  • आप अगर सही फ़ैसले लेते हैं लेकिन मेहनत नहीं करते तो आप विफ़ल हो जायेंगे, लेकिन अगर आप ग़लत फ़ैसले भी लेते हैं और जी तोड़ मेहनत करते हैं तो ज़रूर सफ़ल होंगे !
  • मैं सही फ़ैसले लेने में विश्वाश नहीं करता बल्कि फ़ैसले लेकर उन्हें सही साबित करने में विश्वाश करता !!
  • जिस प्रकार लोहे को कोई और नष्ट नहीं कर सकता बल्कि उसमें लगी ख़ुद की जंग उसे नष्ट कर देता, ठीक उसकी प्रकार इन्सान की ख़ुद की मानसिकता एवम् सोच ही इन्सान को नष्ट करने के लिए काफ़ी है !
  • अगर लोग आप पे पत्थर फेकते हैं तो घबराए नहीं और ना ही उन्हें उस पत्थर का जबाब दे बल्कि उसी पत्थर को एकट्ठा करके और एक मजबूत घर बनाए !

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA
Sir Ratan TATA

ये सारे विचार उस एक इन्सान की है जिन्हें आज के जवाने का दानवीर कर्ण बोले तो कुछ ग़लत नहीं होगा, जो इस दुनियाँ का सबसे बड़ा दानवीर है, Sir Ratan TATA जी हाँ आपने सही सुना | Sir Ratan TATA जो किसी परिचय के मोहताज़ नहीं है, जिनका नाम ही खाफी है उनको परिभाषित करने के लिए !

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA

Ratan TATA का पूरा नाम Ratan Naval TATA है, इनका जन्म 28 दिसम्बर 1937 को गुजरात के सूरत मैं हुआ | रतन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से हुई और माध्यमिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से। इसके बाद उन्होंने अपना बी एस वास्तुकला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कॉर्नेल विश्वविद्यालय से 1962 में पूरा किया। तत्पश्चात उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से सन 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया। | Ratan TATA नवल टाटा और सोनू टाटा के बेटे हैं | रतन जब 10 साल के थे तब इनके माता पिता (नवल और सोनू) एक दुसरे से अलग हो गए |तत्पश्चात दोनों भाइयों का पालन-पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा द्वारा किया गया। 

विरासत में जरूर टाटा का नाम मिला था मगर यहां तक पहुंचने का सफर बिलकुल भी आसान नहीं रहा। बचपन में पारिवारिक समस्‍याओं से जूझने वाले रतन टाटा के लिए उनकी दादी बड़ा सहारा बनीं। कुछ समय बाद, नवजीबाई टाटा ने अपने पति के देहांत के बाद रतन को गोद ले लिया

अपनी पढाई पूरी करने के बाद भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में कुछ समय कार्य किया। उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत सन 1961 में की। शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया। इसके बाद वे टाटा ग्रुप के और कंपनियों के साथ जुड़े। सन 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष बनाया गया। सन 1991 में जेआरडी टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया।

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA

रतन के नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ। उनके नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली पूर्णतः भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका – को पेश किया। तत्पश्चात टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस’ का अधिग्रहण किया जिससे टाटा समूह की साख भारतीय उद्योग जगत में बहुत बढ़ी। टाटा नैनो – दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार – भी रतन टाटा के ही सोच का ही परिणाम है।

28 दिसंबर 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेदारी से सेवानिवृत्त हुए। उनका स्थान 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने लिया। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी वे काम-काज में लगे हुए हैं। अभी हाल में ही उन्होंने भारत के इ-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में अपना व्यक्तिगत निवेश किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने एक और इ-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीज़ मोबाइल कंपनी जिओमी में भी निवेश किया है।

वर्तमान में रतन, टाटा समूह के सेवानिवृत अध्यक्ष हैं। इसके साथ-साथ वह टाटा संस के 2 ट्रस्ट्स के अध्यक्ष भी बने हुए हैं।

रतन टाटा ने भारत के साथ-साथ दूसरे देशों के कई संगठनो में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वह प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद के एक सदस्य हैं। रतन कई कम्पनियो के बोर्ड पर निदेशक भी हैं।

निजी जीवन अपने देश के प्रति प्यार

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA

रतन टाटा एक शर्मीले व्यक्ति हैं, समाज की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते हैं, सालों से मुम्बई के कोलाबा जिले में एक किताबों एवं कुत्तों से भरे हुये बेचलर फ्लैट में रह रहे हैं।[4] रतन टाटा ने अपना नया उत्तराधिकारी चुन लिया है। सायरस मिस्त्री रतन टाटा का स्थान लिया। दिसंबर 2012 में उन्होंने पूरी तरह समूह की जिम्मेदारी संभाल लि। पलौनजी मिस्त्री के छोटे बेटे और शपूरजी-पलौनजी के प्रबंध निदेशक सायरस मिस्त्री ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक एवं लंदन बिजनेस स्कूल से प्रबंधन में डिग्री ली है। फिलहाल वो टाटा संस की सबसे बड़ी शेयरधारक कंपनी शापूरजी पैलनजी के प्रबंध निदेशक हैं। सायरस 2006 से ही टाटा समूह से जुड़े हैं, मिस्त्री साल 2006 से ही टाटा संस के निदेशक समूह से जुड़े हैं।


रतन टाटा हर आपदा में लोगो की मदद करते हैं, वो किसी की मदद करने का कोई मोका हाथ से नही जाने देते | अभी कोरोना में भी उन्होंने 500 की मदद करी |

ये हमेशा अपने Employ का ख़याल रखते इनका कहना है Employ के कारण ही company उनत्ती करती है अगर Employ ही ख़ुश नहीं होंगे तो Company कभी आगे नहीं बढ़ सकती |

ये अपने देश से भी बहोत प्रेम करते हैं, अगर Sir Ratan TATA चाहते तो ये इंडिया क्या विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बन सकते थे लेकिन ये अपने देश की उन्ती को प्राथमिकता दी और अपने कमाई का 60% दान कर देते हैं| 

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA

कहते हैं Taj Hotel Mumbai 26/11 के हमले में जब छतिग्रस्त हो गया तो इन्होंने insurance claim ना करके ख़ुद के पैसे से सही करवाने का निर्णय लिया और इसके लिए इन्होंने टेंडर निकाला, (आपको बता दूँ की TAJ Hotel जो दुनियाँ के सबसे अच्छे होटलों में गिना जाता है वो TATA का ही है ) उस टेंडर में एक पाकिस्तानी company ने भी अप्लाई किया और पाकिस्तानी company के मालिक TATA Sir से मिलने आये लेकिन TATA Sir ने मिलने से मना कर दिया, फिर उस company के ओनर ने तत्कलीन सत्ता में रहे हमारे देश के राजनितिक दल के किसी बड़े नेता से पैरवी करवाई लेकिन TATA Sir ने उस नेता को जवाब देते हुए कहा "तुम बेसरम हो सकते हो मैं नहीं, जिसने हमारे देश पर हमला किया मै उसी को ये टेंडर दे दूँ" इतना कह के TATA Sir ने फ़ोन रख दिया |

एक बार पाकिस्तान से TATA Company को कई लाख-करोड़ के कार का आर्डर मिला लेकिन TATA Sir ने ये कहते हुए उन्हें मना कर दिया की "जो हमारे देश को क्षति पहुँचाने का कोई मोका नहीं छोड़ते मै उस देश के साथ कोई बिज़नस नहीं करूँगा, भले ही इस डील को कैंसिल करके मुझे कितना भी Lose हो जाए"

ऐसे हैं हमारे इन्सपिरेसन Sir Ratan TATA

इनका कहना था मै ऐसा कार बनाना चाहता हूँ की मेरे देश में हर कोई चाहें वो अमीर हो या गरीब कार पे बैठ सके और इन्होंने मात्र 1 लाख की TATA NANO बनाई |

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA

एक बार इनकी कार की company घाटे में चल रही थी, इन्होंने company को बेचने की सोची और Ford company से डील करने ये उनसे मीटिंग करने चले गए | लेकिन Ford के मालिक ने उस मीटिंग में इनकी बेजत्ति करते हुए कह दिया "अगर काम करने की समझ नहीं है तो आपने company स्टार्ट ही क्यों की आपकी company ख़रीद कर मै आप पे एहसान कर रहा हूँ |" ये बात इनको बहोत बुरी लगी और ये company बेचे बिना ये अपने देश वापस आ गए और फिर इन्होंने अपने उस कार की company पे इतनी मेहनत करी की उस कार ने इतिहास बना दिया और वो कार है TATA Indica शायद ही कोई ऐसा हो जिन्होंने TATA Indica का नाम ना सुना हो | और कुछ टाइम बाद वही Ford company घाटे में चलने के कारण अपनी दो कार की company बचने TATA Sir के साथ मीटिंग करनी चाही Sir मीटिंग के लिए तैयार हो गए फोर्ड company की दो कारें  TATA Sir ने Ford से ख़रीद ली लेकिन Ford के द्वारा की गई पुरानी बेजत्ति का TATA Sir ने कोई जिक्र तक नहीं की जिस कारण Ford के मालिक ख़ुद को बहोत सर्मिंदगी महसुश कर रहे थे और जाते जाते उन्होंने TATA Sir से माफ़ी मांगते हुए कहा "कभी मैंने आपकी बेजत्ति करते हुए कहा था, आपकी company ख़रीद कर मै आप पे एहसान कर रहा हूँ | लेकिन आज आपने मेरी company खरीद के मुझपे एहसान  किया है, मुझे माफ़ करें |" और Ford की जो कारें TATA Sir ने ख़रीदी वो है 1. जैगुआर और 2. लेंड रोवर

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA

रतन टाटा ने शादी क्यों नहीं करी ? 

रतन टाटा जब अमेरिका में रहते थे उस दोरान इन्हें एक लड़की से प्यार हो गया, ये दोनों शादी भी करने वाले थे लेकिन उसी दोरान रतन टाटा की दादी की तबियत ख़राब होने के कारण रतन टाटा ने उनसे भारत चलके अपनी दादी के सामने शादी करने का प्रस्तोव रखा लेकिन उनकी प्रेमिका भारत आने से मना कर दी, रतन टाटा अपनी दादी से मिलने स्वदेश लोट आये, फिर कुछ दिनों बाद उनको पता चला जिस लड़की से वो प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं उसने किसी और से शादी कर ली | उन्हें बहोत दुःख हुआ लेकिन उनका कहना था, मैंने उसे वचन दिया था की तुम्हारे अलावा किसी और से शादी नहीं करूंगा, उसने मेरे साथ क्या किया ये उसकी सोच है लेकिन मै अपना वचन नहीं तोड़ सकता, अपने जुवान पे कायम रहने वाले रतन टाटा ने कभी शादी नहीं करी | 

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सम्मान और पुरस्कार

Bharat ke Ratan Sir Ratan TATA

भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया। ये सम्मान देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं। उनको मिले अन्य उल्लेखनीय पुरस्कार इस

प्रकार हैं:

वर्षपुरस्कारसंगठन
2015मानदएचईसी पेरिस
2015ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टरक्लेमसन विश्वविद्यालय
2014कानून की मानद डॉक्टरन्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा
2014ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉसयूनाइटेड किंगडम
2014सयाजी रत्न पुरस्कारबड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन
2014व्यापार के मानद डॉक्टरसिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी
2013डॉक्टरेट की मानद उपाधिएम्स्टर्डम विश्वविद्यालय
2013व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टरकार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय
2013अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंटअर्न्स्ट एंड यंग
2013विदेश एसोसिएटनेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग
2012व्यापार मानद डॉक्टरन्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय
2012मानद फैलोइंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी
2010इस साल के बिजनेस लीडरएशियाई पुरस्कार
2010कानून की मानद डॉक्टरपेपरडाइन विश्वविद्यालय
2010लीडरशिप अवार्ड में लीजेंडयेल विश्वविद्यालय
2010शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापारशांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार
2010हैड्रियन पुरस्कारविश्व स्मारक कोष
2010लॉ की मानद डॉक्टरकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2009इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कारइटली की सरकार
20092008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कारइंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी
2009ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडरयूनाइटेड किंगडम
2008प्रेरित होकर लीडरशिप अवार्डप्रदर्शन रंगमंच
2008मानद फैलोशिपइंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान
2008मानद नागरिक पुरस्कारसिंगापुर सरकार
2008साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर
2008साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई
2008लॉ की मानद डॉक्टरकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2008लीडरशिप अवार्डलीडरशिप अवार्ड
2007परोपकार की कार्नेगी पदकअंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट
2007मानद फैलोशिपअर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल
2006जिम्मेदार पूंजीवाद पुरस्कार
2006साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
2005साइंस की मानद डॉक्टरवारविक विश्वविद्यालय
2005अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य अचीवमेंट अवार्ड
2004प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टरएशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
2004उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदकउरुग्वे की सरकार
2001बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टरओहियो स्टेट यूनिवर्सि

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