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Mahi jaisa koi nhi | MS Dhoni | माही जैसा कोई नहीं !

Mahi jaisa koi nhi !

बिहार का एक छोटा शहर रांची (जो अब झारखण्ड में है) में एक मामूली पंप ऑपरेटर के घर 7 जुलाई 1981 को जन्मा एक बच्चा जिसके सपने कभी बड़े नहीं थे | जो बचपन से ही अपने प्रेजेंट में जीता था | जिसे फुटबॉल खेलने का बड़ा सोख था क्योंकी फुटबॉल का बॉल बड़ा होने के कारण गोलकीपर बॉल को आसानी से पकड़ना सकता है |
एक दिन स्कूल क्रिकेट मैच में विकेट कीपर के अचानक नहीं खेलने के कारण स्कूल गेम टीचर बहोत परेशान होते हैं और अचानक गेम टीचर की नज़र फुटबॉल में गोलकीपिंग कर रहे एक छोटे से बच्चे पे पड़ता है और आगे जो हुआ वो एक इतिहास है | 

Mahi  jaisa koi nhi !

Mahi  jaisa koi nhi
Mahi jaisa koi nhi

बहुमुल प्रतिभा के धनि इस बालक ने उस दिन से स्कूल क्रिकेट टीम में विकेट कीपिंग करना स्टार्ट करता है | क्रिकेट के प्रति मेहनत और लगन ने इस बच्चे को एक विस्फ़ोटक बल्लेबाज और विकेट कीपर की पहचान दी और क्रिकेट कोटा से इनकी भारती रेलवे में जॉयनिंग होती है | रेलवे में सरकारी नोकरी से पूरी फैमिली ख़ुश होती है बेटा अब सेटल हो गया बट ये ख़ुद ख़ुश नहीं थे क्युकी नोकरी के कारण, काम के प्रेसर में ये अपनी क्रिकेट प्रैक्टिस नहीं कर पाते | जबकि इन्हें और इनकी फैमिली को इस नोकरी से मिलने वाले इनकम की बहोत सख्त ज़रूरत होती है फिर भी इस लड़के ने अपनी जिंदगी में बहोत बड़ा रिस्क लिया और नोकरी छोड़ दी, नाराज फैमिली को किसी तरह मना के ये अपने प्रैक्टिस में लग जाते हैं और जी तोड़ मेहनत करते हैं, इनकी मेहनत से सिलेक्टर की नज़र इन पे पड़ती है और इनकी मेहनत रंग लाती है 2004 में बंगलादेश के खिलाफ ये इंडियन क्रिकेट टीम में सेलेक्ट हो जाते हैं, लेकिन कुछ खाश कर नहीं पाते | फिर सौरभ गांगुली की टीम पाकिस्तान जाती है और पाकिस्तान में एक मैच में गांगुली इस लड़के को 3 न पे बैटिंग करने भेजते हैं, उस दिन किसे पता था सौरव गांगुली का ये डीसिजन भारती टीम का भविष्य लिखने वाली है | ये लड़का कोई और नहीं बल्कि हमारा और आपका चाहिता महेंद्र सिंह धोनी था, जिसने इस मैच के बाद कभी पीछे मुड के नहीं देखा | इसके बाद भारती टीम जब भी लड़खड़ाइ सब के जुबां पे एक ही लफ्ज़ था "माही है ना" | 

Mahi  jaisa koi nhi !


भारती टीम में भरोसे का दूसरा नाम बना M S DHONI | जिसने ICC के 



सारे ट्राफी हमें दी, जिसने DRS का मतलब बताया, जिसने चेन्नई के IPL टीम को अगर 2020 छोड़ दिया जाए तो हर IPL में क्यालिफायर तक पहुचाया, जिसने विकेट कीपिंग का महत्व समझाया, ये वहीँ विकेट कीपिंग है जिसके कारण हमने 2003 WORLD CUP की ट्राफी गवाई जो आज भी खलता है, धोनी से पहले ना कोई विकेट कीपर इंडियन टीम में आया और आगे ना इनके जैसा आएगा, 2007 T-20 फाइनल का आखरी ओवर में जोगेंद्र शर्मा को बोलिंग करवाने का वो डिसिशन कोन भूल सकता है | और उस से पहले पाकिस्तान के साथ बॉल आउट मैच जिसमे माही ने अपने रेगुलर बॉलर को हटा के रोबिन उत्थपा से बोलिंग करवाई और खुद विकेट के पीछे खड़े होने के वजय बैठ गए | उनका क्रिकेट के मैदान पे लिया गया देसिजन, लोमड़ी के जैसे चालक दिमाग | धोनी ने इंडियन क्रिकेट को जो दिया वो किसी से छिपा नहीं है | 2011 का World Cup जिसमे पुरे सीरीज वो फ्लॉप होते हैं और जब टीम को उनकी ज़रूरत होती है वो अविस्वमरनियं इनिंग खेल जाते हैं इन फॉर्म युवराज से पहले ख़ुद आते हैं वो जो हुआ वो शायद बताने की ज़रूरत नहीं है | 

Mahi  jaisa koi nhi !

लेकिन 2019 का वो आखरी पल जिसने हर क्रिकेट फेन को रुलाया वो तो इस इंडियन टीम के सबसे बड़े भरोसे का रन आउट होना, जिस रन आउट ने ख़ुद माही को रुला दिया | आज भी माही का वो चेहरा नजरो से नहीं हटता और सोचता हूँ कास वो रन आउट एक सपना होता |


Is post me maine aapko MS Dhoni ke bare me, unke achievement and struggling ki kisse bataye | 

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